डबिंग-
वोइस ओवर करियर-
आवाज ही रोजगार है..... गर खास रहे
--- राजेश कुमार
आवाज ही रोजगार है..... गर खास रहे
--- राजेश कुमार
अगर
आपकी आवाज में है कुछ खास और कुछ अलग करियर बनाने का जज्बा है तो आपकी आवाज ही
आपको नौकरी, पैसा और षोहरत
दिलाएगी. इसके लिए आपको बनना होगा डबिंग आर्टिस्ट. इसे वोइस आर्टिस्ट भी कहते हैं.
इस करियर के जरिए आप अच्छी कमाई के साथ साथ मनोरंजन की दुनिया में अपना नाम और
मुकाम भी बना सकते हैं. वैसे तो फिल्मों में हीरो हीरोइन अपने डायलाग अपनी ही आवाज
में डब करते है. पर कई बार भाषाई समस्या के चलते बड़ेबड़ेे हीरोहीरोइन की आवाज आप
भी बन सकते हैं. श्रीदेवी से लेकर कैटरीना कैफ तक षुरुआती दौर में हिंदी न बोल
पाने के कारण अपने डायलाग डबिंग आटिस्ट के जरिए ही डब कराते थे.
कम
नहीं है अवसर
आज
टीवी और फिल्मों का बाजार बढता जा रहा है. भोजपुरी और साउथ फिल्मों सहित कई
क्षेत्रीय भाषाओं और अंग्रेजी फिल्में हिंदी में डब कर चैनलों में दिखाई जा रही
हैं. इसी के चलते इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढे हैं. डबिंग आर्टिस्ट की
विभिन्न टीवी चैनल्स, प्रोडक्शन हाउस, रेडियो, विज्ञापनों, डाक्यूमेंट्रीं,
एनिमेशन फिल्मों में
खासी डिमांड है. इसके अलावा प्राइवेट स्टूडियो व डबिंग कंपनियां हैं, जो आपको इस क्षेत्र में आने का और आगे मौका देती हैं. इसके
अलावा आप एक फ्रीलांसर कलाकार के रूप में
भी डबिंग आर्टिस्ट के तौर पद अपना करियर आगे बढा सकते हैं. भारत में
कार्टून चैनल से लेकर डिस्कवरी और नेषनल जियोग्राफिक चैनल सभी डबिंग आर्टिस्टों की
बदौलत ही तो चल रहे हैं. सिर्फ हिंदी ही नहीं बल्कि अन्य क्षेत्रीय भाषा के
जानकारों के लिए भी इस क्षेत्र में अवसरों की कमी नहीं है.
कमाई
भी है जोरदार
अगर
इस क्षेत्र में कमाई की बात करें तो निष्चिंत हो जाइए क्योंकि आय की दृष्टि से यह
क्षेत्र बहुत उम्दा है. एक डबिंग आर्टिस्ट चूंकि डेली बेस, फ्रीलांसर और कांट्रेक्ट के जरिए काम कर सकते हैं इसलिए
कार्य का समय और आय की कोई सीमा नहीं है. फिर भी सामान्य तौर पर एक डबिंग आर्टिस्ट
प्रतिदिन 1000 से लेकर पांच हजार
रुपये तक कमा सकता है. जैसे जैसे तर्जुबा बढेगा आया भी उसी अनुपात में बढ़ती जाती
है. यदि आप कांट्रेक्ट पर काम करते हैं तो लगभग 30
हजार से लेकर 50 हजार रुपये
प्रतिमाह भी कमा सकते हैं.
तकनीकी
पहलू
डबिंग
आर्टिस्ट को कुछ तकनीकी जानकारियों का ज्ञान भी जरूरी होता है. जैसे माइक संबंधी
जानकारी. अच्छी आवाज के साथ कलाकार को माइक की सभी तकनीकियों का ज्ञान होना चाहिए, माइक को हैंडल करने के अलावा उसमें कितनी दूर या नजदीक से
बोलकर डबिंग की जाए, यह जानना बहुत जरूरी
है. यह सब प्रषिक्षण संस्थानों में सिखाया जाता है. इसके अलावा डबिंग दो तरीके से
होती है. पैरा डबिंग और लिपसिंक. पैरा डब में आर्टिस्ट को आडियो या वीडियो पर बिना
ज्यादा ध्यान दिए अनुमान के मुताबिक डबिंग करनी होती है जबकि लिपसिंक में कैरेक्टर
के होठों को पढकर, उच्चारण को मैच करते
हुए डबिंग करनी होती है. उदाहरण के तौर पर कई हिंदी न्यूजचैनल किसी विदेषी या
फिल्मी हस्तियों की बाइट को हिंदी में दिखाने के लिए उसे पैराडब करते हैं. वहीं जब
किसी मूल लैंग्वेज में डब करना होता है तो लिपसिंक की जरूरत पड़ती है. लिपसिंक
तकनीक ज्यादातर कलाकर अपने डायलाग डब करने में प्रयोग करते हैं. साथ ही डबिंग
कलाकार के लिए यह भी आवश्यक है कि वह अपने चरित्र को समझे. उसके हावभाव, सिचुएषन और संवाद के अनुसार डबिंग करे.
योग्यता
क्या हो
यों
तो डबिंग आर्टिस्ट के लिए किसी खास योग्यता की जरूरत नहीं होती, फिर भी भाषाई ज्ञान के साथ साथ देष दुनिया की खबर होना
जरूरी है. इसके अलावा बोलने की तकनीक,
चरित्र के भाव को, उसके मूड को पकड़ कर बोलना, आवाज
में स्पष्टता के अलावा शुद्ध उच्चारण करने की क्षमता होनी चाहिए. बीते कुछ समय से
बतौर डबिंग आर्टिस्ट करियर बनाने के लिए कई तरह के संस्थानों ने कोर्स भी शुरू कर
दिए हैं. इन संस्थानों में डबिंग आर्टिस्ट का प्रषिक्षण पाने के लिए कम से कम 10वीं पास अभ्यर्थियों की मांग होने लगी है.
कहां
ले प्रशिक्षण
इसमें
डिग्री डिप्लोमा तो नहीं, लेकिन सर्टिफिकेट इन
वायस ओवर ऐंड डबिंग जैसे कोर्स बकायदा कराए जा रहे हैं. यह कोर्स मात्र एक महीने
से 6 महीने के बीच के होते हैं. इसके लिए कई
ऐसे संस्थान हैें जो 10 हजार से लेकर 25 हजार रुपए की फीस में डबिंग के शार्ट टर्म कोर्स के जरिए
प्रशिक्षण देते हंै.
भारतीय
जनसंचार संस्थान, नई दिल्ली
डिजायर्स
ऐंड डेस्टिनेशन, मुंबई
मिरांडा
हाउस, दिल्ली विश्वविद्यालय
एआरएम
रेडियो अकादमी
एशियन
अकेडमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन, नोएडा
लाइववार्स
(करियर इंस्टीट्यूट इन ब्रॉडकास्टिंग फिल्म),
मुंबई
मूविंग
मीडिया वर्कशॉप
इएमडीआई
इंस्टीट्यूट, मुंबई
जेवियर
इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशन, मुंबई
एकेडमी
ऑफ रेडियो मैनेजमेंट, हौजखास, नई दिल्ली
एशियन
एकेडमी आफ फिल्म ऐंड टेलिविजन, नोएडा
आईसोम्स
बैग फिल्म्स, नोएडा
द
वायस स्कूल, मुंबई