लोकपाल बिल के समर्थन में अन्ना हजारे हजारे के आमरण अनशन ने कम से कम इतना तो तय कर ही दिया कि अगर एक बुजुर्गचंद दिनों भूख रहकर सरकार पर भारी पड सकता है तो युवा चाहें तो क्या नहीं कर सकते. हालांकि इस बात से एतराज नहीं किया जा सकता है कि इस आंदोलन में युवाओं की भागीदारी दिखी. बुहत दिनों बाद लोकल इलाकों में लोगों को कैंडल मार्च करते देखा गया. इसे सगुन माना जा सकता है. नहीं तो अब तक युवाओं की भीड सिर्फ रेस्टारेंट और मल्टीप्लेक्स में फिल्म स्टार्स को देखने के लिए जुटती रही है. फिल्म स्टार्स से याद आया अन्ना की इस लडाई में अनुपम खेर, शबाना आजमी और पीयूष मिश्रा, यहां तक कि उर्मिला और दिया मिर्जा जैसे सितारे भी साथ देते दिखाई दिए. जब अनुपम खेर अन्ना के समर्थन में अपने विचार रख रहे थे तब उन्होंने अपनी जीवन की शुरूआती और क्लासिक फिल्म सारांश के एक दृश्य का जिक्र किया, जिसमें एक हताश बुजुर्ग अन्ना की तरह एक मंत्री के सामने भ्रष्टाचार की बात कर रहा होता है. अनुपम ने इस मुहिम में अमिताभ बच्चन और शाहरुख खान को शामिल होने का आवेदन किया. अमिताभ ने तो समर्थन में अपना बयान जारी कर दिया लेकिन आपको पता है उस वक्त शाहरुख खान क्या कर रहे थे. दरअसल तब शाहरुख चेन्नई में आईपीएल 4 के ओपनिंग इवेंट की डांस रिहर्सल कर रहे थे. जाहिर है जब भी शाहरुख को कहीं से मोटी रकम का ऑफर मिलता है, वह दुनियादारी छोडकर पैसा कमाने कि लिए निकल जाते हैं. फिर चाहे किसी की शादी में भांड बनाना हो या फिर किसी की मातम मुर्सी के माहौल को हाईक्लास बनाना हो. लेकिन जनहित से जुडी किसी भी मुहिम में यह स्टार हमेशा गायब रहता है. ऐसा नहीं है कि शाहरुख के आ जाने से अन्ना को कोई विशेष सहयोग मिल जाता या फिर अनुपम उन्हें कोई समाज सुधारक समझते हैं. अन्ना ने अपना अनशन सफल कर ही दिया, लेकिन अनुपम ने उन्हें तो इसलिए आने के लिए कहा गया था कि जब इस जन आंदोनन में आमिर समेत कई सितारे अपना मुनाफा छोडकर कुछ वक्त निकालकर जनताके बीच आ सकते हैं तो फिर जनता के पैसे से रोटी खाने वाला यह सितारा क्यों नहीं. यह बात सिर्फ शाहरुख के लिए ही नहीं है बल्कि ही उस स्टार के लिए है जो इस मुहिम में शामिल नहीं हुआ है. जैसे अक्षय दस दिन अपनी फिल्म के प्रोमोशन में बिजी थे. शाहरुख अगर आईपीएल का तमाशा और अक्षय प्रोमोशन छोडकर इस मुहिम में शामिल होते तो उनका कद और बढता, लेकिन शाहरुख समेत कई अभिनेताओं को उस जनता की कोई फिक्र नहीं है जिसके पैसे और प्यार से वह आज स्टारडम का रुतबे के साथ ऐशो आराम की जिंदगी बसर कर रहे हैं. इस बात से इतना तो अंदाजा लग ही जाता है कि जो प्यार और जनता से इन सितारों को मिलता है, उसकी कीमत इन सितारों के लिए क्या है.
Saturday, April 9, 2011
अन्ना, अनुपम और एक भांड
लोकपाल बिल के समर्थन में अन्ना हजारे हजारे के आमरण अनशन ने कम से कम इतना तो तय कर ही दिया कि अगर एक बुजुर्गचंद दिनों भूख रहकर सरकार पर भारी पड सकता है तो युवा चाहें तो क्या नहीं कर सकते. हालांकि इस बात से एतराज नहीं किया जा सकता है कि इस आंदोलन में युवाओं की भागीदारी दिखी. बुहत दिनों बाद लोकल इलाकों में लोगों को कैंडल मार्च करते देखा गया. इसे सगुन माना जा सकता है. नहीं तो अब तक युवाओं की भीड सिर्फ रेस्टारेंट और मल्टीप्लेक्स में फिल्म स्टार्स को देखने के लिए जुटती रही है. फिल्म स्टार्स से याद आया अन्ना की इस लडाई में अनुपम खेर, शबाना आजमी और पीयूष मिश्रा, यहां तक कि उर्मिला और दिया मिर्जा जैसे सितारे भी साथ देते दिखाई दिए. जब अनुपम खेर अन्ना के समर्थन में अपने विचार रख रहे थे तब उन्होंने अपनी जीवन की शुरूआती और क्लासिक फिल्म सारांश के एक दृश्य का जिक्र किया, जिसमें एक हताश बुजुर्ग अन्ना की तरह एक मंत्री के सामने भ्रष्टाचार की बात कर रहा होता है. अनुपम ने इस मुहिम में अमिताभ बच्चन और शाहरुख खान को शामिल होने का आवेदन किया. अमिताभ ने तो समर्थन में अपना बयान जारी कर दिया लेकिन आपको पता है उस वक्त शाहरुख खान क्या कर रहे थे. दरअसल तब शाहरुख चेन्नई में आईपीएल 4 के ओपनिंग इवेंट की डांस रिहर्सल कर रहे थे. जाहिर है जब भी शाहरुख को कहीं से मोटी रकम का ऑफर मिलता है, वह दुनियादारी छोडकर पैसा कमाने कि लिए निकल जाते हैं. फिर चाहे किसी की शादी में भांड बनाना हो या फिर किसी की मातम मुर्सी के माहौल को हाईक्लास बनाना हो. लेकिन जनहित से जुडी किसी भी मुहिम में यह स्टार हमेशा गायब रहता है. ऐसा नहीं है कि शाहरुख के आ जाने से अन्ना को कोई विशेष सहयोग मिल जाता या फिर अनुपम उन्हें कोई समाज सुधारक समझते हैं. अन्ना ने अपना अनशन सफल कर ही दिया, लेकिन अनुपम ने उन्हें तो इसलिए आने के लिए कहा गया था कि जब इस जन आंदोनन में आमिर समेत कई सितारे अपना मुनाफा छोडकर कुछ वक्त निकालकर जनताके बीच आ सकते हैं तो फिर जनता के पैसे से रोटी खाने वाला यह सितारा क्यों नहीं. यह बात सिर्फ शाहरुख के लिए ही नहीं है बल्कि ही उस स्टार के लिए है जो इस मुहिम में शामिल नहीं हुआ है. जैसे अक्षय दस दिन अपनी फिल्म के प्रोमोशन में बिजी थे. शाहरुख अगर आईपीएल का तमाशा और अक्षय प्रोमोशन छोडकर इस मुहिम में शामिल होते तो उनका कद और बढता, लेकिन शाहरुख समेत कई अभिनेताओं को उस जनता की कोई फिक्र नहीं है जिसके पैसे और प्यार से वह आज स्टारडम का रुतबे के साथ ऐशो आराम की जिंदगी बसर कर रहे हैं. इस बात से इतना तो अंदाजा लग ही जाता है कि जो प्यार और जनता से इन सितारों को मिलता है, उसकी कीमत इन सितारों के लिए क्या है.
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